किसी भी समाज का सही आंकलन निठ्ल्ले व्यक्ति से अधिक और कोई नहीं कर सकता। किसी के निठ्ल्ला बनने से लेकर उसके द्वारा वर्तमान परिस्थितियों पर उठाए गए ज्वलंत मुद्दे और प्रश्न लोगों का मनोरंजन करने के साथ ही उन्हें झकझोरने में भी सफल रहे। फोर्थ वाॅल प्रोडक्शंस द्वारा द कैसल ऑफ आर्ट थियेटर के सहयोग से आयोजित पांचवे फ़रीदाबाद थियेटर फेस्टिवल के दूसरे दिन निठ्ल्ला नाटक का मंचन हुआ। इसका शुभारंभ हरिशंकर परसाई के परिवार से सम्बन्ध रखने वाले शरद परसाई, साहित्य प्रेमी तनुज और वरिष्ठ दर्शकों ने दीप प्रज्वलन करके किया।
दीपक पुष्पदीप के निर्देशन में हरिशंकर परसाई की व्यंग्य रचनाओं पर आधारित नाटक निठ्ल्ला में दिखाया गया कि तीस-पैंतीस साल तक शादी न होने और कई इंटरव्यू देने के बाद भी नौकरी न लगने वाला युवक दुनिया की नज़रों में निठ्ल्ला कहलाता है। इसके बाद नाटक के किरदार मनोरंजक तरीके से अलग-अलग मामलों पर नज़र डालते हैं मसलन किसी सफल हिरोइन को साबुन बेचने का काम क्यों करना पड़ रहा है, कोई बिमारी कैसे लोगों के लिए प्रतिष्ठासूचक हो जाती है, अकेलापन आदमी को कैसे खा जाता है आदि से लेकर निठ्ल्ला की खोज एक सच्चा आदमी ढूंढने पर ख़त्म होती है। इस नाटक में ऐसे मुद्दों को शामिल किया गया जो व्यक्ति के आस-पास घटित होते ही रहते हैं। इस तरह कुलदीप कुणाल द्वारा रूपांतरित इस नाटक में दर्शक पात्रों से जुड़ कर एक संवाद बना लेते हैं।
निठ्ल्ला नाटक में अभिनेता के तौर पर हेमंत कुमार कौशिक, दर्शन कुमार, आकाश सेंगर, अमन खान, अभिषेक प्रिन्स, निशान्त कदम, अभिषेक राठौड़, तरूण, रिषभ आदि ने अपने अभिनय से दर्शकों को बांधे रखा। इसके साथ ही फोर्थ वाॅल प्रोडक्शंस के सचिव अंकुश शर्मा ने बताया कि विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर यह महोत्सव 31 मार्च तक प्रतिदिन आयोजित किया जाएगा।