विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर फोर्थ वाॅल प्रोडक्शंस द्वारा आयोजित हो रहे पांचवे फ़रीदाबाद थियेटर फेस्टिवल का समापन सरजूपार की मोनालिसा नाटक के साथ हुआ। द कैसल ऑफ़ आर्ट थियेटर में आयोजित हो रहे इस पांच दिवसीय फेस्टिवल के समापन अवसर का शुभारंभ प्राचार्य सतीश चैधरी, पूर्व प्राचार्य आर पी शर्मा, नवीन अग्रवाल, भाजपा व्यावसायिक प्रकोष्ठ के ज़िला संयोजक विमल खंडेलवाल, जन कल्याण सेवा न्यास के प्रधान अमित गोयल और हेमंत फ़ौजदार ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।
सरजूपार की मोनालिसा नाटक समाज में जाति प्रथा के कड़वे सच को सामने रखता है। समाज में निचली मानी जाने वाली जाति में पैदा हुई एक लड़की की पीड़ा को उजागर करती है और उसके माध्यम से समाज के तथाकथित सवर्ण वर्ग द्वारा सरकारी अमले के दुरूपयोग को भी सामने रखता है। एक लड़के द्वारा निचली जाति की लड़की के साथ किए गए कुकृत्य को सही साबित करने के लिए पुलिस प्रशासन का सहारा लिया जाता है और इसे सही साबित करने के लिए एक युवक पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर मारा-पीटा जाता है। इतने से भी संतुष्टि नहीं मिलने पर ग़रीबों की झोपड़ियों में आग लगाकर उनके घर तक जला दिये जाते हैं। अदम गोंडवी द्वारा लिखी गई लंबी कहानी, मैं चमारों की गली तक ले चलूंगा आपको पर आधारित इस नाटक में एकल पात्र के रूप में अंकुश शर्मा ने कविता के साथ न्याय करते हुए उसे प्रस्तुति के माध्यम से चरितार्थ किया।
वहीं, दीपक पुष्पदीप की परिकल्पना और लाइट के साथ ही अमन खान ने संगीत, दर्शन और तरूण ने सेट और प्राॅपर्टी, निशान्त कदम और पंकज ने संयोजक की भूमिका निभाई। इस प्रस्तुति के साथ ही पांचवे फ़रीदाबाद थियेटर फेस्टिवल का समापन हुआ। संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि बहुत जल्दी ही बच्चों और बड़ों के लिए थियेटर वर्कशाॅप की शुरूआत की जाएगी।