हरियाणा कला परिषद के सहयोग से आयोजित हो रही नाट्य कार्यशाला में आए प्रतिभागी रंगमंच से जुड़े अलग-अलग पहलुओं से रूबरू हो रहे हैं। इसी श्रृंखला में रंगमंच से जुड़े विशेषज्ञ भी शामिल हो रहे हैं। बैठानिया सेंटर में आयोजित हो रही इस वर्कशाॅप में आज वरिष्ठ रंग समीक्षक संगम पांडे शामिल हुए, जिन्होंने नाटकों के इतिहास और वर्तमान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समीक्षा से नाटकों में निखार आता है।
इसके साथ ही रंग जगत में समीक्षा के महत्व के बारे में बात करते हुए उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि किसी भी अच्छे काम की समीक्षा का होना अत्यंत आवश्यक है। वैसे तो रंग समीक्षा कोई नया पहलू नहीं है लेकिन इन दिनों रंगमंच में समीक्षकों का अभाव है, जिस कारण नाट्य प्रस्तुति में भी गिरावट आ रही है। इसी तरह जब अभिनेताओं की समीक्षा होती है तो उनकी अभिनय क्षमता में भी निखार आता है। उन्होंने बताया कि एक अभिनेता को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए किन-किन पहलुओं का ध्यान रखना होता है। उन्होंने नाटकों की रिहर्सल देखते हुए अपनी प्रतिक्रिया भी दी।
ग़ौरतलब है कि हरियाणा कला परिषद् के सहयोग से फोर्थ वाॅल प्रोडक्शंस द्वारा आयोजित इस प्रस्तुतिपरक् कार्यशाला के समापन अवसर पर हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में नाट्य समारोह का भी आयोजन किया जाएगा। इस समारोह में कार्यशाला के प्रतिभागियों द्वारा दो नाटक अंत भला तो सब भला और हिरण्यकश्यप मर्डर केस प्रस्तुत किए जाएंगे।