आज़ादी के साथ ज़िम्मेदारियां भी मिलती हैं, जिसका हम सभी को पालन करना चाहिए। नाट्य कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे बच्चे आज़ादी के इसी महत्व को दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग, हरियाणा के सहयोग से आयोजित हुई 20 दिवसीय नाट्य कार्यशाला का समापन 6 जून को बाल भवन सभागार में होने वाले नाटक आज़ादी – एक सच के साथ होगा।
फोर्थ वाॅल प्रोडक्शंस और बैठानिया सेंटर की तरफ़ से आयोजित हुई इस नाट्य कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे बच्चों ने रंगमंच की बारीकियां सीखते हुए एक नाटक की प्रस्तुति तैयार की है। इस नाटक की शुरूआत गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन के डिब्बे से बाहर धक्का देने पर होती है। इसके बाद नाटक में दिखाया जाता है कि दो बच्चे मोहन और मोहिनी सुबह-सवेरे दूध की लाइन में सबसे आगे लगे हुए हैं और खुश हैं कि आज सबसे पहले दूध वही लेंगे। कुछ ही देर में एक पुलिस वाला पीछे से आता है और लाइन में लगे हुए सभी लोगों को धकेलते हुए सबसे आगे आ जाता है। पुलिस वाले से डर कर लाइन में खड़ा कोई भी आदमी उसे कुछ नहीं बोलता लेकिन मोहन-मोहिनी उसे टोक देते हैं। इस बात पर गुस्सा होकर पुलिस वाला उन दोनों को थप्पड़ मार देता है।
इसके बाद नाटक में दोनों बच्चे कुछ ऐसा कर गुज़रते हैं कि पुलिस वाले को शर्मिंदा होकर सभी के सामने माफ़ी मांगनी पड़ती है। अपने आपको सबके सामने बेकसूर घोषित करके ही मोहन-मोहिनी को असली आज़ादी का अहसास होता है। इस नाटक में प्रकाश, संगीत, सेट, प्राॅपर्टी सहित सभी काम कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे बच्चे ही कर रहे हैं। नाटक में मंच पर मोहन की भूमिका अचल शर्मा, मोहिनी का रोल सायशा, पुलिस वाले की भूमिका दक्ष, गांधी जी का रोल प्रेम और यश, नेरेटर की भूमिका में मान्या और जान्हवी, बच्चों के नेता के रूप में एकता और अन्य रोल में यशराज, अमित, प्रतिज्ञा, आस्था, अक्षरा, लक्ष्य और निहाल होंगे, वहीं मंच परे की भूमिका अभिषेक, कौशल, कमल, प्रियंक, हेमंत निभाएंगे। इस नाटक का निर्देशन नाट्य कार्यशाला के निदेशक और संयोजक डाॅ0 अंकुश शर्मा और तकनीकी निर्देशक दीपक पुष्पदीप ने किया है।