*अपने ही घर में बेगाने होते बुजुर्ग*
*नफीस खान*
बुजुर्गों के साथ वह लोग अधिक दुर्व्यवहार करते हैं जिन पर वह सबसे अधिक विश्वास करते हैं दुर्व्यवहार करने वालों में पहला स्थान बेटे व बहू का है दुर्व्यवहार का शिकार वृद्ध या नहीं जानते कि इससे कैसे निपटा जाए फिर भी 82% बुजुर्ग परिवार के साथ इसकी शिकायत नहीं करते*
भारत में 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्ग अपने ही सगे संबंधियों से शारीरिक एवं मानसिक रूप मे प्रताड़ना का शिकार होकर जीवन जीने को मजबूर है सामाजिक संस्था हेल्प पेज इंडिया ने देश के 12 शहरों में रहे रहे बुजुर्गों में किए गए ताजा सर्वे के बाद यह सच्चाई सामने आई है 92 पीस यादी बुजुर्ग सर्वे ऐसे मिले जो अपने मकान में रहने के बावजूद उत्पीड़न का शिकार बने हुए हैं इनमें से आधे तो अपने ही घर में कैदी जैसा जीवन जी रहे हैं इनमें से 61% बुजुर्ग ऐसे मिले जिन्होंने अपनी इस हालात के लिए बहुओं को जिम्मेदार ठहराया 70 पर्सन बुजुर्गों ने कहा कि अगर पुलिस हेल्पलाइन के बारे में जानकारी है परिवार के सम्मान के लिए हम तकलीफ शह कर भी प्रशासन के पास नहीं गए एक जरिया भी है कि अगर सहायता के लिए सरकारी कानून की शरण में गए तो परिवारजनों की तरफ से बदले की कार्यवाही और तेज हो जाने से जीवन और कष्ट कार हो जाएगा जिन बुजुर्गों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया है उनमें 56% 60 से 70 वर्ष के मध्य तथा 30 पॉइंट 2 प्रतिशत 71 से 80 वर्ष के मध्य तथा 13 पॉइंट 1 प्रतिशत 80 वर्ष से अधिक उम्र के थे सर्वेक्षण में जो कुछ अन्य जानकारियां सामने आए उनमें से लगभग 25% बुजुर्ग अपने जीवन साथी का साथ खो चुके थे जबकि लगभग 50% तक अपने जीवन साथी के साथ रह रहे थे
ऐसे ही एक बुजुर्ग महिला जन्नतुल निशा लकवा ग्रस्त कानपुर नगर के शकेरा स्टेट,84/83 की थाना रायपुरवा की रहने वाली है पीड़ित महिला का मामला भी सामने आया है इस मामले में वृद्ध महिला के तीन बेटे हैं बड़ा बेटा नजर मोहम्मद , मंजिला बेटा वली मोहम्मद, छोटा बेटा जान मोहम्मद, बहुएं, बुशरा,रीना , अलीशा अंसारी यह सब लोग घर पर ही जुआ सट्टा खिलाते हैं तीनों बेटों का थाना रायपुरवा में सन 2008 में लड़की से बलात्कार करने के संबंध में सन 2019 में जुआ सट्टा खिलाने के संबंध में जेल भी गए हैं जिनका क्रिमिनल हिस्ट्री थाना रायपुरवा में अभी मौजूद है वृद्ध महिला की एक कुमारी बेटी है अपराधी तत्वों का आना जाना होने के कारण महिला ने विरोध करने पर मारा पीटा गया पीड़ित महिला की मदद को आए पत्रकार नफीस खान को भी इनका शिकार होना पड़ा शिकार हुए पत्रकार कोई रुकावट ना बन जाए थाना रायपुरवा द्वारा उल्टा ही मुकदमे पीड़ित पत्रकार पर लगा दिया गया जिसका घटना का वीडियो है दिखाया भी गया है परंतु आज तक पीड़ित पत्रकार को न्याय न मिला आला अधिकारियों के मुखिया कानपुर नगर के कमिश्नर महोदय भी इस घटना से अनजान है और मुंह मौन धारण करे हुए हैं जुए सट्टे खिलाने वालों का थाना रायपुरवा के साथ साठगांठ करके सीधा-साधा और निर्दोष कहा जा रहा है ऐसे अपराधियों को जो कि कानून की किताबों में अभी तक छाए हुए आ रहे इनका मकसद है गुनाह करने के पहले पुलिस प्रशासन से तालमेल करना सबसे ज्यादा जरूरी है जब भी अपराधी कार्य थाना स्तर के अंतर्गत हो सकेगे यहां तक की यूपी पुलिस की सारी हदें पार कर दी बगैर प्रमाण पत्र बगैर आईडी के सोने की चोरी करने वाली महिला को अधिवक्ता बताया जाता है जिस महिला का कानपुर से लेकर लखनऊ जनपद उन्नाव तक अपराधिक कामों को अंजाम देती आ रही है अपराधिक महिला को थाना प्रभारी राय पुरवा एसीपी अनवरगंज द्वारा साठगांठ करके इन सब पर कोई भी आज तक कानूनी कार्यवाहीनहीं की गई ऐसे भ्रष्ट थानेदार उप निरीक्षक एसआई जोकि माननीय मुख्यमंत्री के जनसुनवाई प्रार्थना पत्र में भी बगैर प्रमाण पत्र बगैर आईडी के झूठी रिपोर्ट अपराधियों से पैसा लेकर लगाई गई ऐसे अधिकारी ऐसे उपनिरीक्षक ऐसे एसआई ऐसे एसीपी जो कि अपराधियों का साथ अपराधिक कार्य करने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं ऐसे अधिकारियों पर माननीय मुख्यमंत्री द्वारा सख्त से सख्त कार्यवाही होनी चाहिए जो यूपी पुलिस की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं