हरियाणा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पांच दिवसीय हरियाणा रंग उत्सव की शुरूआत हड़ताल नाटक से हुई। एक परिवार में होने वाली रोज़मर्रा की शिकायतों और समस्याओं पर आधारित इस नाटक की प्रस्तुति अलवर से आई संस्था रंग संस्कार थियेटर गु्रप ने दी।
इस नाटक में परिवार के सभी लोग काम करना बंद करके हड़ताल करना शुरू कर देते हैं। नाटक की कहानी परिवार के मुखिया विश्वम्भरप्रसाद के इर्द-गिर्द घूमती है। परिवार के सभी सदस्य अपनी-अपनी शिकायतें उनके सामने रखते हैं। यहां तक कि घर का नौकर भी अपनी मांगे रखते हुए हड़ताल कर देता है। इन सबकी समस्याएं नाटक में हास्य पैदा करती हैं। घर के मुखिया को सबकी हड़ताल खत्म करने का कोई तरीका नहीं सूझता तो अंत में वह भी सबके सामने अपनी शिकायतें रखते हुए हड़ताल शुरू कर देते हैं तो सबके सामने मुश्किल आ जाती है। ऐसे में परिवार के अन्य सदस्य हड़ताल खत्म कर देते हैं तो विश्वम्भर जी भी अपनी हड़ताल खत्म कर देते हैं और इस तरह सभी खुशी-खुशी साथ में रहने लगते हैं।
डा0 देशराज मीणा के निर्देषन में हुए इस नाटक के मुख्य पात्रों में विनीत भारती, श्रेयसा, यामिनी शर्मा, नितेष चंदानी, प्रणजीत मुखर्जी, निखिल कुमार, कुनाल सिंह राजपूत शामिल थे। उत्सव के निदेशक दीपक पुष्पदीप ने बताया कि दूसरे दिन एंड्रोगिनी नाटक की प्रस्तुति होगी, जो बिहार के लौंडा नाच शैली पर आधारित है।